तीन खदाने खोलने से होगा राजस्व का फायदा । नया जिला सारंगढ़ बनने पर होगा फायदा


क्षेत्र के आसपास गांव मे होगा विकास,बेरोजगारों को मिलेगी नई नौकरी


सारंगढ़ अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत गुडे़ली में 30 तारीख मे 3 खदानें खुल रही है । इसकी जनसुनवाई होनी है । वही तो कई  अखबार और मीडिया में इसकी विरोध चल रही है , लेकिन हकीकत की बात करें तो यह खदान यहां पर खोलनी चाहिए । क्योंकि रायगढ़ जिले से कटकर सारंगढ़ जिला अलग बना हुआ है । यहां राजस्व आने की कोई और  साधन नहीं है । सिर्फ और सिर्फ गुडे़ली और टिमरलगा ही दिख रहा है , इसीलिए यहां तीनों खदानें खोलनी चाहिए । खदानें खुलेगी तो यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा । यूं तो अभी दो साल पहले ही कोरोना काल सभी को खा गया है । अगर यहां खदान खुलेगी तो यहां के युवाओं जो बेरोजगार हैं उनको नौकरी मिलेगी और अपना जीवन यापन कर सकेंगे । खास बात यह है कि रायगढ़ जिले से कटकर नया जिला सारंगढ़ बना हुआ है जिसमें राजस्व की आय होगा और गुडे़ली  - टिमरलगा में विकास होगा ही होगा । साथ में लगे हुए गांव का भी विकास होगा । जैसे ही राजस्व आएगा वैसे ही इस गांव का विकास होना चालू हो जाएगा । यूं तो गुडेली में कहें तो चुना भट्टी ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं । खदान खोलने से प्रदूषण होगी लेकिन चुने भट्ठे से ज्यादा नहीं होगी अगर बंद करना है तो सभी को कर देना चाहिए नहीं तो यहां तीनों खदान को शासन प्रशासन को ध्यान में रखते हुए खोल देना चाहिए


वही तो गुड़ेली में चर्चा का बहुत माहौल बना हुआ है, अगर तीनों खदानें खुलेगी तो बेरोजगारों को नौकरी मिलेगी वहां के जो गरीब दुखी आदमी है उनका भी घर परिवार अच्छे से चलेगा।



क्या कहते हैं गुड़ेली के ग्रामीण।

जब हमने इस संबंध में गांव के ग्रामीणों से संपर्क साधा तो उन्होंने बताया कि, यहां पर दो चार जने हैं जो विरोध कर रहे हैं।ऐसा लग रहा है कि, जो तीनों खदानें खुल रही है उनका विरोधी हैं।सभी यहां पर विरोध करेंगे कह कर बोल रहे हैंl बाकी हमारे गांव के लोग अगर तीनों खदानें खुलेगी तो हमारा गांव का विकास होगा और साथ ही यहां के युवा जितने भी हैं, सभी को नौकरी भी मिलेगी। जिससे उनका घर परिवार चलेगा और अपना जिंदगी बढ़िया से जी पाएंगे। वैसे तो हमारे गांव में धूल डस्ट हो ही रहा है ,ऐसा नहीं है कि अगर इन तीनों खदानें नहीं खुलेगी तो धूल डस्ट बंद हो जाएगा। यहां तो ऑलरेडी ही धूल डस्ट हो रही है, अगर यह तीनों खदान खुल जाएगी तो यहां के युवाओं को बेरोजगार जो पड़े हुए हैं। उनको नौकरी मिल जाएगी, इसीलिए हम शासन प्रशासन से आग्रह करेंगे कि जितना जल्दी हो सके तीनों खदानों को खोल दिया जाए। कम से कम हमारे गांव का विकास होगा और साथ ही साथ  हमारा। सारंगढ़ जिला एक अलग ही पहचान से जाना जाएगा ।


वहां के  ग्रामीणों ने तो अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि, हमारे गुड़ेली  में 30 अक्टूबर को सेवा सहकारी समिति गुड़ेली के मैदान में जनसुनवाई का आयोजन होगा । जिसमें हम पूरी तरह  समर्थन करेंगे तीनों खदानें खोलने  की । हालांकि यहां दो चार जने हैं जो विरोध कर रहे हैं , हमको तो लग रहा है कि दुश्मनी के वजह से या विरोध कर रहे हैं ।



ऐसा नहीं है कि गुड़ेली , टिमरलगा में इन तीनों खदानें - खोदने से ही यहां के लोगों को परेशानियां होगी  । यहां तो सबसे बड़ी समस्याएं यहां में लगे चुना भट्टी से है ।जो जहरीली दुआओं को छोड़ रहे हैं और लोगों को जीना बेहाल हो गया है । वैसे तो ऐसा नहीं है कि गुड़ेली टिमरलगा  में खदानों की कोई कमी हो , यहां तो बहुत सारे लीज में खदानें और क्रेशर संचालित हो रही है । अगर यह तीनों खदाने संचालित होगी तो ऐसा नहीं है कि प्रदूषण बहुत ज्यादा फैल आएगी , यूं तो कहां जाएगी जो तीनों खदाने खुल रही है , तुलसी वसंत और शिवकुमार अग्रवाल और नितिन सिंघल की तीन खदाने खुल रही है । वही हम आपको बताना लाजमी होगा कि यह तीनों क्रेशर  नहीं है कि पहले ही क्रेशर और खदाने खोल रहे हैं ,  इनका पहले से ही गुडेली में क्रेशर स्थित है । जगदंबा इंटरप्राइजेज और श्याम मिनरल्स , यूं तो बहुत सारे क्रेशर  नियम धर्म में नहीं चलती है । लेकिन आप इनकी क्रेशर जाएंगे तो नियम धर्म से ही क्रेशर को संचालित करते हैं और पर्यावरण की तो खास ध्यान में रखकर क्रेशर को संचालित करते हैं । चाहे वह सुबह या शाम को अपने क्षेत्र में पानी का फुहारा लगाते रहते हैं , अगर यह तीनों खदाने खुल जाएगी तो लगता है कि, यह नियम धर्म से ही क्रेशर को संचालित करेंगे  । फिर हाल अब आगे देखना है कि इन तीनों खदानों का क्या होता है । शासन-प्रशासन इनकी नियम धर्म देखकर इनको तीनों लीज प्रदान कर देती है या आगे क्या होता है, यह तो देखने वाली बात होगी