अमुर्रा के शासकीय प्राथमिक शाला भवन हुआ जरजर,जिसकी सुध जिम्मेदार अधिकारियों को नही

 






बरमकेला:- रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड मुख्यालय से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम अमुर्रा के प्राथमिक शाला भवन के जर्जर हो जाने के कारण यहां पढऩे वाले मासूम बच्चों को स्कूल के पूरे दिन बरामदे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।शासन-प्रशासन के द्वारा पुराने एवं जर्जर हुए प्राथमिक शाला भवन का मरम्मत कराने की दिशा में पहल अभी तक नहीं की है। ज्ञात हो कि अमुर्रा का शासकीय प्राथमिक शाला भवन में बड़ी-बड़ी दरारे अपनी जर्जरता को बयान कर रही है एवं नये भवन की तत्काल आवश्यकता है। कभी भी मासूम बच्चे हादसे का शिकार हो सकते हैं, जिसकी सुध जिम्मेदारों को नही है। 

यहां के ग्रामीणो द्वारा जर्जर दिवारों व स्कूल भवन का हाल देखते हुए नया भवन स्वीकृत करने की मांग प्रमुखता के साथ कर रहे हैं। लेकिन उनकी सुध लेने वाला भी कोई नही है। अमुर्रा के इस स्कूल में कक्षा पहली से पांचवी तक लगभग 100 बच्चे पढ़ाई करते हैं । संकुल शैक्षिक समन्यवक जयकिशोर नंद एवं  प्राथमिक शाला के शिक्षिका सरिता पण्डा ने बताया कि स्कूल भवन काफी पुराना है, दीवारों एवं छत में दरारें आ गईं हैं।

 इसके चलते बच्चों को कमरे के अंदर न बिठा कर बरामदे में बिठा कर पढ़ा रहे हैं। इसकी जानकारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी बरमकेला, ग्राम पंचायत सरपंच, कलेक्टर रायगढ़ ,एवं जनपद सीईओ को दी जा चुकी है। यह स्कूल भवन कभी भी भरभराकर गिर सकता है। शाला भवन का निर्माण नही होने से शाला प्रबंधन एवं ग्रामीण आमजन आक्रोश हैं ।