कांग्रेस सरकार बनने बाद कुल्हाड़ीघाट की तश्वीर तो बदली लेकिन आश्रित ग्रामो की समस्या जस की तस

 


राजीव गांधी पुण्यतिथि पर  21 मई को कुल्हाडीघाट में पहुचेंगें कांग्रेस के कई बडे नेता व पदाधिकारी








मैनपुर - 21 मई दिन शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व राजीव गांघी पुण्यतिथि मनाई जायेगी, राजीव राजीव पुण्यतिथि पर तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 18 किलोमीटर दुर घने जंगल के भीतर बसे राजीव गोद ग्राम कुल्हाडीघाट में प्रतिवर्ष की भाॅति इस वर्ष भी कांग्रेस द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा जिसके लिए तैयारी कि जा रही है ज्ञात हो कि 14 जुलाई सन् 1985 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपने पत्नी व वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ इस छोटे से ग्राम कुल्हाडीघाट में पहुचे थे और यहा लगभग 1 घंटे का समय विशेष पिछडी कमार जनजातियो के बीच व्यतित किया था साथ ही कमार जनजातियो के जीवन शैली को बहुत करीब से देखा था और इस गांव को राजीव गांधी ने गोद लिया था राजीव गांधी के गोद लेने के बाद बीहड जंगल के भीतर बसे विशेष जनजाति ग्राम कुल्हाडीघाट तक पक्की सडक, बिजली, पेयजल, व अन्य बुनियादी सुविधाए शासन ने उपलब्ध कराई और 15 वर्षो बाद छत्तीसगढ प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ग्राम कुल्हाडीघाट की तश्वीर और तकदीर तो बदली लेकिन इसके आश्रित ग्राम ताराझर, कुर्वापानी, मटाल, भालूडिग्गी आज भी मूलभूत बुनियादी सुविधाओ के लिए तरस रहे है यहा के ग्रामीणो को इस भीषण गर्मी में पीने के लिए शुध्द पेयजल उपलब्ध नही हो पा रहा है ग्रामीण सुख चुके नदी नालों में झरिया खोदकर पेयजल की व्यवस्था कर रहे है सडक बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा आश्रित ग्रामो के लिए आज भी किसी दिव्य सपना से कम नही है।


 कुल्हाडीघाट पहुचकर जायजा लिया तो यहा के ग्रामीणो द्वारा आगामी 21 मई दिन शनिवार को प्रतिवर्ष की भाॅति राजीव गांधी पूण्यतिथि मनाने के लिए तैयारी प्रारंभ कर दिये है, और यहा स्थापित राजीव जी की प्रतिमा की साफ सफाई के साथ कार्यक्रम के आयोजन को लेकर रूपरेखा तैयार किया जा रहा है, हमारे संवाददाता को कुल्हाडीघाट के सरपंच श्रीमती धनमोती सोरी एंव कमार समाज के अध्यक्ष बनंिसह सोरी ने बताया कि 14 जुलाई सन् 1985 को पूर्व प्रधानमंत्री  राजीव गांधी हेलीकाप्टर के माध्यम से कुल्हाडीघाट पहुचे थे राजीव गांधी के साथ उनकी धर्म पत्नी एंव वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी भी पहुची थी और राजीव गांधी ने इस बीहड जंगल में बसे ग्राम कुल्हाडीधाट को 37 वर्ष पहले गोद लिया था तब यहा छोटा सा गांव पुरे भारत के नक्शे में जाना पहचाने जाने लगा। सरपंच ने बताया कि राजीव गांधी के साथ उस समय मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतिलाल वोरा, दिग्विजय सिंह, सांसद संत कवि पवन दीवांन और कांग्रेस के कई बडे नेता उस समय आये थे तब  राजीव गांधी ने कुल्हाडीघाट  ग्राम के गलियो में पैदल भ्रमण कर गांव की समस्याओ को नजदीक से देखा था और कुल्हाडीघाट की कमार महिला बल्दी बाई के झोपडी मे पहुचकर उनके हाथों से  जंगली कंद मूल की सब्जी और भोजन ग्रहण किया था राजीव गांधी ने इस गांव में जंहा जहा भी कदम रखे थे ग्रामीणो को आज भी उस एक एक जगह और बात याद है यहा के बुजूर्ग ग्रामीण उन दिनो को याद कर भावूक हो उठते है और राजीव गांधी द्वारा इस ग्राम को गोद लेने के बाद  मूलभूत सुविधाओ के साथ कुल्हाडीघाट में खेती व अन्य रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया । वही दुसरी ओर ज्ञात हो राजीव गांधी के निधन के बाद यहा के ग्रामीणों द्वारा गांव के हृदय स्थल में राजीव जी की प्रतिमा स्थापित कर उनके जयंती और पुण्यतिथि में यहा उन्हे श्रध्दासुमन अर्पित करते है साथ ही समय समय पर कांग्रेस के प्रदेश स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक के नेता पदाधिकारी, पहुचकर उनके कार्यक्रम में शामिल होते है। राजीव गांधी के पुण्यतिथि के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एंव कांगे्रस के वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास मंहत, केबीनेट मंत्री मोहम्मद अकबर जैसे नेता समय समय पर यहा पहुचते रहे है, और तो और पिछले वर्ष कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम भी ग्राम कुल्हाडीघाट पहुचकर यहा के कमार जनजातियों के लोगो के साथ मुलाकात कर उनके समस्याओं को नजदीक से देखा था और कमार जनजातियों के समस्याओ के समाधान के लिए मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को सगठन की ओर से पत्र भेजा गया था। कुल्हाडीघाट में राजीव गांधी के आने के बाद से यहा गांव कांग्रेस के एक परिवार की तरह रहा है, हमेशा कांग्रेस के जब भी कोई बडे नेता व पदाधिकारी का मैनपुर क्षेत्र में दौरा होता है तो एक बार कुल्हाडीघाट जरूर जाते है, और यहा राजीव गांधी के प्रतिमा की पुजा अर्चना कर उन्हे श्रध्दाजंली अर्पित करते है, हर वर्ष यहा राजीव गांधी की पुण्यतिथि और जयंती कार्यक्रम पर कांग्रेस के बडे नेता से लेकर प्रदेश स्तर के संगठन के पदाधिकारी पहुचते रहे है, और इस वर्ष भी कांगे्रस के नेता व पदाधिकारी बडी संख्या में 21 मई राजीव पुण्यतिथि के अवसर पर कुल्हाडीघाट पहुचने की संभावना है जिसके चलते यहा संगठन व ग्रामीणों के द्वारा तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।


मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का है ग्रामीणों को बेसब्री से इंतजार


15 वर्षाे बाद छत्तीसगढ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक बार फिर यह गांव कुल्हाडीघाट सुर्खियों मे आया है और कुल्हाडीघाट ग्राम के विकास के लिए जिला प्रशासन काफी सक्रिय नजर आ रहे है गांव में हर तरह के विकास कार्य कराने प्रयास किया जा रहा है साथ ही राजीव गांधी चैक पर गार्डन  का निर्माण किया गया है, और यहा के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का बेसब्री से इंतजार है कुल्हाडीघाट के पूर्व सरपच बनसिंह सोरी के साथ ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल लगातार रायपुर पहुचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हे कुल्हाडीघाट आने का निमंत्रण दिये है ग्रामीणों का कहना है मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के कुल्हाडीघाट आने से यह गांव और इसके आश्रित ग्रामों में विकास कार्य तेजी से होेगे और उन्हे मुलभूत सुविधाए उपलब्ध हो पायेगी यहा के ग्रामीणों को जल्द ही मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के कुल्हाडीघाट आने की बेसब्री से इंतजार है।


कुल्हाडीघाट के आश्रित ग्रामो में समस्याओं का अंबार


छत्तीसगढ मे कांग्रेस के सरकार बनने के बाद जिला प्रशासन से लेकर कांगे्रस के बडे नेताओं ने कुल्हाडीघाट के विकास के लेकर अनेक योजना तैयार किये जिसके तहत कुल्हाडीघाट तक पक्की सडक, करोडो की लागत से पुल पुलिया का निर्माण किया गया, और कुल्हाडीघाट में गौठान निर्माण के साथ यहा के कमार जनजाति के लेागो को बांस बर्तन के साथ ही रोजगार से जोडने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है और ग्राम कुल्हाडीघाट मे बेहतर पेयजल व्यवस्था के साथ स्वास्थ्य व अन्य सुविधाए उपलब्ध कराई गई है लेकिन आज भी कुल्हाडीघाट ग्राम पचायत के आश्रित ग्राम जो पहाडी के उपर बसे है जैसे ताराझर, कुर्वापानी, मटाल, भालूडिग्गी, यहा के कमार जनजाति के लेाग मूलभूत बुनियादी सुविधाओ के लिए तरस रहे है,इन आश्रित ग्रामो में पहुचने के लिए सडक तक की व्यवस्था नही है, ग्रामीण लगभग 35 किलोमीटर पैदल चलकर घोडे के माध्यम से राशन सामग्री इन ग्रामो मे ले जाते है, तब कही जाकर ग्रामीणाें के घरो मे चूल्हा जल पाता है, सरपंच श्रीमती धनमोती सोरी , बनसिंह सोरी, दामोदर नेताम, नारायण सिंह ग्रामीणो ने बताया कि कई बार आश्रित ग्रामो तक पक्की सडक एंव हेडपम्प खनन की मांग कर थक चुके है, लेकिन अब तक मूलभूत सुविधाए उपलब्ध नही हुआ है, अभी गर्मी के दिनो मे इन पहाडी गांव मे पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है, पहाडी के उपर हेडपम्प नही होने के कारण ग्रामीणो को सुख चुके नदी नालो पोखरो में झरिया खोदकर पानी की व्यवस्था करना पड रहा है, तब कही जाकर एक दो हंडी पानी नसीब हो रहा है।


कमार विकास परियोजना के अफसर आश्रित ग्रामो में अब तक नही पहुचे


विशेष पिछडी कमार जनजाति के विकास के लिए गरियाबंद में कमार विकास अभिकरण का कार्यालय खोला गया है और कमार जनजातियों के विकास के लिए दर्जनों योजनाए विभाग के पास है, लेकिन ग्राम कुल्हाडीघाट के पहाडी ग्रामो में कमार विकास परियोजना के जिम्मेदार अफसराें के नही पहुचने से पहाडी के उपर निवास करने वाले ग्रामीणाें को जो शासन की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए नही मिल पा रहा है ।


राहूल गांधी कुल्हाडीघाट के पूर्व सरपंच को अपने बगल मे बिठाकर भोजन करवाया था



कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी फरवरी में रायपुर पहुंचे थे इस दौरान राजीव गांधी गोदग्राम कुल्हाड़ीघाट के विशेष पिछड़ी कमार जन जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कुल्हाड़ीघाट के पूर्व सरपंच बनसिंग सोरी को राहूल गांधी ने अपने बगल में बिठाकर भोजन ग्रहण करवाया था और कुल्हाडीघाट के सबंध मे हालचाल पुछा था कुल्हाडीघाट को कांगे्रस के बडे नेता से लेकर प्रदेश व ब्लाॅक स्तर तक के कांगे्रस के नेता विशेष महत्व देते है और कुल्हाडीघाट को अपने परिवार की तरह मानते है ।