महीनों से तालाब सफ़ाई नहीं, सुकली भाटा (पुराना) के सैकड़ों ग्रामीण गंदे पानी में निस्तारी के लिए मजबूर.

 


महीनों से तालाब सफ़ाई नहीं, सुकली भाटा (पुराना) के सैकड़ों ग्रामीण गंदे पानी में निस्तारी के लिए मजबूर... 

 संवाददाता : चरण सिंह क्षेत्रपाल

देवभोग : स्वच्छता के नाम पर हजारो रुपए निकाल लिया जाता है। बावजूद इसके पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण गंदे पानी में निस्तारी और गंदगी के बीच जीवन गुजारने के लिए मजबूर दिखाई पड़ते हैं। ऐसे ही सुकली भाटा (पुराना) पंचायत मे देखने को मिल रहा है। जहाँ गांव के एक गंदगी से भरे तालाब पर सैकड़ो ग्रामीण निस्तारी के लिए मजबूर हैं। बता दे कि 15 वित्त की राशि मे डायरेक्ट फंड से 30% रहता है। जिसमे तालाब की साफ सफाई, गली की साफ सफाई करवाया जाना होता है। लेकिन सरपंच एवं सचिव साफ सफाई को लेकर गंभीर नही है। जबकि साफ सफाई को लेकर कई बार सरपंच सचिव को अवगत कराया गया है। 


ज्ञात हो कि गांव में सिर्फ एक ही बड़ा तालाब है। जहाँ गांव के सैकड़ों महिला पुरुष निस्तारी करते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि साफ सफाई के नाम पर कई बार पैसा भी निकाला गया है। लेकिन जरूरत के अनुसार अब भी गांव में साफ सफाई नही है। जिसे लेकर सीईओ को शिकायत की गई है।