आबकारी एवं पुलिस विभाग की सरक्षण में अवैध शराब की बिक्री जोरो पर
तरीघाट, रोहिणा, कौंदकेरा,देवरी,सुरसाबांधा,कोपरा,जेन्जरा,बोरसी,बासीन आदि कई गांवों में कोचिया द्वारा घर पहुंचा कर पेटी पेटी शराब दिया जाता।
आखिर इतने सारी शराब कोचियों को कौन देता है। ताकि प्रतिदिन इनकी पूर्ति की जा सके।
गरियाबंद/राजिम-फिंगेश्वर--राजिम मुख्यालय से लगे कई गाँवो में अवैध शराब ,की बिक्री जोरो पर है। जिस पर आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग अंकुश लगाने में नाकाम दिख रही है। देखा जाए तो तरीघाट, रोहिणा, कौंदकेरा,देवरी,सुरसाबाँधा,कोपरा, बोरसी, बासीन ,के चौक चौराहे में खुले आम अवैध शराब की बिक्री जोरो पर है।जिसके चलते छोटे छोटे बच्चे भी नशे के गिरफ्त आ गए है। पुलिस एवं आबकारी विभाग चुप्पी साधे हुये है। जिससे शराब कोचियों की हौसले बुलंद है। इनको पुलिस प्रशासन का कोई डर नही ये कोचिये तो खुद ही खेलेआम मोटरसाइकिल में पेटी ,पेटी शराब लेकर गांव गांव में पहुँचाते है। जबकी सरकार ओर से अवैध शराब तस्करी करने वाले के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है। जिसके बावजुद भी इन अवैध शराब तस्कर को पकड़ने में पुलिस विभाग नाकाम है। वही बाते आबकारी विभाग की करे तो वो भी इस मामले में कोई दिलचस्पि नही ले रहे है। वही सोचने वाली बात है। इन शराब कोचियों के पास इतने सारे शराब की पेटी कहा से आते है। कही कोचिये के द्वारा शराब दुकानों में तगड़ी सेटिंग् नहीं कि होगी तभी तो इतने सारे गांव में शराब पूर्ति की जा रही है ।एक बार नही कई बार समाचार के माध्यम से आबकारी विभाग एवं पुलिस को अवगत कराया जाता है। फिर भी ये कोचिये प्रतिदिन शराब को घर पहुँच सेवा कैसे देते है।
जिसके चलते कहना गलत नही होगा की आबकारी एवं पुलिस विभाग की कही मिलीभगत तो नही तभी तो शराब तस्कर खुले आम सुबह-शाम शराब की तस्करी करते है। ,वही आस पास में अवैध शराब पहुचाने वाले ग्राम बोरसी निवासी है। जो अपने लड़को के साथ बिना किसी पुलिस की डर से खेलेआम घर पहुँच सेवा देते है।
खबर के बाद कोचिये के विरूद्ध कोई कार्यवाही होती है। या फिर अवैध शराब का गोरखधंधा दुगनी रफ़्तार से चलता है।