बकली में गुरु बालक दास जयंती पर निकली भव्य शोभा यात्रा निकली

बकली में गुरु बालक दास जयंती पर निकली भव्य शोभा यात्रा निकली


राजिम--महान क्रांतिकारी, समाज सुधारक , युग पुरुष और मानवाधिकार के लिए सतनामी आंदोलन के प्रणेता व सतनाम धर्म के संस्थापक परम पूज्य गुरु घासीदास जी के द्वितीय पुत्र तथा उत्तराधिकारी वीर बलिदानी गुरु बालक दास जी की जयंती के अवसर पर राजिम के निकट ग्राम पंचायत बकली में सतनामी युवा एकता के  द्वारा पूरे ग्राम में  रात्रिकालीन भव्य शोभा यात्रा साथ ही आखाड़ा प्रदर्शन करते पूरे ग्राम भ्रमण किए फिर बाबा गुरुघासि दास जी व वीर बलिदानी गुरु बालक दास जी की महिमा बखान करते मंगल भजन करते हुवे बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ जयंती मनाया गया ।



 ज्ञात हो गुरु बालकदास जी का जन्म 18 अगस्त सन् 1805 ईं. को दक्षिण एशिया मे भारत के मध्यप्रांत के छत्तीसगढ मे स्थित सोनाखान रियासत के गिरौद गांव मे गुरु घासीदास जी और सफूरा माता के पुत्र के रूप मे हुआ.अपनी कम उम्र मे ही इन्होने सन 1820 ई. से चले सतनामी आंदोलन मे बढ़-चढ़कर हिस्सा लिए और नेत्रृत्वकारी भूमिका निभाई. इनका सोनाखान के राजा रामराय के पुत्र वीर नारायण सिंह और आदिवासियों से मित्रतापुर्ण संबंध था ।जयंती के आयोजक हसमन भारती ,  भाऊ लक्ष्मण भारती , आशीष आदिल , नंदू खुटे, मुकेश भारती , टिकेश आदिल,  नीरज मिरी , हरीश लहरे,  पोषण रात्रे , महेश लहरे , बीरू लहरे , सुदर्शन मिरी , दुर्गेश भारती,  साहिल मन्नाडे, दिनेश पुरेना , राहुल आदिल , दागेश्वर मीरी, तामराज ध्वज, निगम आदिल इसमें प्रमुख रूप से ग्राम समाज अध्यक्ष देवानंद मन्नाडे , राकेश मंदर , विष्णु जांगडे,  विष्णु मन्नाडे, भारत मिरी , बुधराम कुर्रे , सगुण खुटे , हरीश मिरी, शोभित बंजारे , सुमरन  मिरी, मनहरण मिरी, कमल मिरी , राखी, बिहारी, मनीष,  तुलू मिरी  , गुलशन जांगड़े , सोनू मिरी , हेमंत मीरी, खेमू , पंकज , भवानी , किसन साथ ही सतनामी समाज के युवा साथी व वरिष्ट गण भारी संख्या में मौजूद रहे ।