राजिम माँघी पुन्नी मेला को लेकर जूना अखाड़ा के साधुओ ने कही बड़ी बात राजीनीतिकरण के चलते मेले की भव्यता सीमित हो रही है साधु संतों की व्यवस्था में शासन प्रशासन कोई रुचि नही ले रहे है।

 राजिम माँघी पुन्नी मेला को लेकर जूना अखाड़ा के साधुओ ने कही बड़ी बात

राजीनीतिकरण के चलते मेले की भव्यता सीमित हो रही है

साधु संतों की व्यवस्था में शासन प्रशासन कोई रुचि नही ले रहे है।

पिछले सालो में आयोजित मेले में भी कोई पूछ परख नही ,आज भी नही



राजिम--राजिम माँघी पुन्नी मेले को लेकर जूना अखाड़ा के साधुओ ने  एक बड़ी बात कही है।  सुचारू रूप से भगवान के धर्म ध्वजा होती है।धर्म ध्वजा के नाते जूना अखाड़ा के पूरे भारत,पूरे विश्व बीके साधु संत आते थे। जबकि साधु को मान सम्मान की आवश्यकता होती है। मान, सम्मान ,आदर,भाव न देकर के सरकार अपनी राजनैतिक तौर पे मेला प्रारम्भ रखे हुए है। जो धर्म के स्थापना कर के सदा चले आ रहे मेला को  जो भाजपा शासन काल  मे मेले की जो भव्यता  थी। अभी के कार्य मे फिर से  सीमित किया जा रहा है। उसमें भी साधु संतों का मान सम्मान में विशेष रुचि नही दिखा रहे है। हो रहे है।पर संछिप्त रूप में  इसी के चलते साधु संतों को निमंत्रण नही दिया जा रहा है। न ही बुलाया जा रहा है। सिर्फ राजनैतिक तौर पे  मेला बना के रखे हुए है। धर्म की स्थापना के लिए साधु संतों को बुलाना जरूरी एवं महात्माओ को निमंत्रण देकर मंच देना चाहिए। आदर भाव करना चाहिए। ये बिल्कुल रूप से इस मेले में दिखाई नही दे रहे है। जो साधु संत आ रहे है। उनकी व्यवस्था में बहुत सी कमी हो रही है।


 पिछले सालों में आयोजित मेले में भी हुई। और इस साल भी हुई है। इस व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए। सरकार को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए।