*स्वतंत्र भारत के लोगों को समाज के नाम का ढोंग करते हुए सामाजिक पदाधिकारियों द्वारा गजेन्द्र सिन्हा को और उनके परिवार को गुलामी झेलने को किया जा रहा है मजबूर*

 


मैनपुर


  - सिन्हा समाज  परिक्षेत्र देवभोग के कुछ रूढ़िवादी और नामचीन पदाधिकारियों द्वारा ग्राम छैलडोंगरी गोहरापदर के सिन्हा समाज के ग्राम प्रमुख गजेंद्र सिन्हा के ऊपर अनर्गल आरोप प्रत्यारोप लगाकर पहले ही पद से हटा दिया था, फिर गजेंद्र सिन्हा और उनके पूरे परिवार को समाज से बहिस्कृत कर सामाजिक गतिविधियों कार्यक्रमों में अब दे रहे है दखल जबकि सामाजिक नियमानुसार इस तरह नहीं करना चाहिए जिससे पीड़ित गजेंद्र सिंह सिन्हा ने थाना प्रभारी देवभौग को आवेदन प्रस्तुत किया है और उनके खिलाफ हो रहे अत्याचार एवम प्रताड़ना से निजात पाने न्यालय शरण जाने को मजबूर है .....

गजेंद्र सिन्हा का कहना है कि उसके पुत्र वेदप्रकाश सिन्हा का विवाह सामाजिक रीति रिवाज से विगत वर्ष 2022 में 19 अप्रैल को विधिवत  संपन्न हुआ था जिसमें समाज के लोगों को 18 अप्रैल को सामाजिक भोज कराया गया जो शुद्ध शाकाहारी भोजन पान कराया गया था ,सामाजिक नियमानुसार बारात वापसी के बाद सुबह दिन में 10,00बजे टिकावन कार्यकर्म पूरा कर पुनः दोपहर में शाकाहारी भोजन पान कराया गया सामाजिक नियमानुसार पूरे कार्यक्रम समाप्ति के बाद 20अप्रैल रात्रि को आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें स्पेशल भोजन पान अपने मित्रो ,शुभ चिंतकों को कराया गया जिस बात को लेकर सिन्हा कलार समाज परिक्षेत्र देवभोग के सामाजिक कार्यकर्ता,पदाधिकारियों  ने छैलडोंगरी ग्राम समाज के बिना जानकारी के बीना पूछे बगैर बीना मीटिंग के गजेन्द्र सिंह सिन्हा को समाज से बहिस्कार ,एवम समाजिक पद से पृथक कर दिया गया , जिसमे पुनीत राम सिन्हा संरक्षक , तुलसी राम सिन्हा मंडलेशर , ललित राम सिन्हा उप मंडलेश्वर ,भोजराम सिन्हा सचिव , पुरनलाल सिन्हा कोषाध्यक्ष , दिलीप सिन्हा प्रचार मंत्री , अनिल सिन्हा पूर्व सचिव , विजय सिन्हा निर्वाचन अधिकारी, कोंदू राम सिन्हा क्षेत्राधिकारी , रामदयाल सिन्हा वरिष्ठ , जोजन सिन्हा ग्राम प्रमुख , हुरदोराम सिन्हा ग्राम प्रमुख ,लाल सिंह सिन्हा वरिष्ठ, सुबास सिन्हा पिता बिसाल,अमरलाल सिन्हा समाज सेवक , एवम इनके सहयोगी पदाधिकारी , कार्यकर्ताओं ने गोपनीय तरीके से गलत निर्णय लेकर सिन्हा समाज के बैलाज का खुला उलंघन किया और प्रताड़ित किया, माह जून में दीनू सिन्हा उरमाल निवासी गोरेलाल सिन्हा के पुत्री के जन्मोत्सव कार्यक्रम में सामिल होने गया था जिसमें तुलसी राम सिन्हा के पुत्रों द्वारा प्रताड़ित किया गया जिसके कारण नरेश कुमार सिन्हा ने दीनू सिन्हा को घर जाने को कहा,जिस  घटना को लेकर अपने परिवार के मान,प्रतिष्ठा पर हुए आघात को लेकर कानून के शरण में जानें की तैयारी करते हुए देवभौग थाना को जानकारी दी गई,जिस बात का पता चलने पर सिन्हा समाज परिक्षेत्र देवभोग के द्वारा जिला कार्यकारणी बैठक धौराकोट मे 08 फरवरी को रखी  गई जिसमे पनाबेड़ा, खरियार परिक्षेत्र ओडिसा के पदाधिकारी भी शामिल थे और गरियाबंद जिला मुख्यालय के सामाजिक पदाधिकारी गण और मंडलेश्वर उपस्थित रहे उस दिन गजेन्द्र सिंह सिन्हा को समाज में मिलाया गया और ग्राम प्रमुख के पद पर यथावत रखने की बात कही, फिर भी जिला पदाधिकारीयों के निर्णय को नहीं मानते हुए गुटबाजी कर परेशान कर रहे हैं जिसके कारण गजेन्द्र सिंह सिन्हा द्वारा 19फरवरी को समाजिक मीटिंग छैलडोंगरी में रखी गई जिसमें बैठक पर उपस्थिति स्वजातीय लोगों से पूछा गया कि आप किसको ग्राम प्रमुख मानते हो तो ग्रामीणों ने कहा जिला कार्यकारणी ने जिसके पक्ष में निर्णय लिया है वही सही है सुबास सिन्हा को चार लोग चुने हैं हम उसको ग्राम प्रमुख नही मानते कहा सुबास को मनोनीत ग्राम प्रमुख बनाकर हमारे ग्राम के चार लोग गजेन्द्र सिंह सिन्हा के प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचाने में देवभाग परिक्षेत्र के पदाधिकारियों को सहयोग किया है,जो न्याय संगत नहीं है ग्राम प्रमुख पद का चुनाव हम गांव के लोग किए हैं इस पद पर बने गजेन्द्र सिंह सिन्हा को हटाने का अधिकार नियमानुसार हमारे गांव को है परिक्षेत्र अधिकारी और मंडलेश्वर को नहीं है उसके बाद नवजात शिशु कन्या के छ टी कार्यक्रम में समाज के लोगो को निमत्रण पहुंचाने गजेन्द्र द्वारा समाज के सेवक श्री कृपा राम सिन्हा को जिम्मेवारी सौंपा गया किंतु समाज के निर्णय के खिलाफ जाकर सुबास सिन्हा पिता विशाल सिन्हा कुछ द्वारा निमंत्रण स्वीकर नही किया गया और सामाजिक सेवक को निमंत्रण बांटने के कार्य को नही करने को कहा जिससे कारण गजेंद्र सिन्हा और उनके पूरे परिवार ऐसे प्रतिक्रिया से बहुत दुखित है और समाज के लोगों द्वारा दिए जा रहे प्रताड़ना से मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं और कानून से इंसाफ मांगने को तैयारी कर रहे है  अब देखना यह है कि स्वतंत्र भारत में रहते हुए सिन्हा समाज गरियाबंद जिला के परिक्षेत्र देवभोग के सामाजिक पदाधिकारियों द्वारा समाज के नाम पर ढोंग करते हुए भारत सरकार प्राप्त संविधान के स्वतंत्रता ,और मौलिक अधिकार का पतन किया जा रहा है जो कि विधि विरुद्ध है जानकारी मिली है की देवभोग पुलिस द्वारा उक्त घटना को लेकर जांच शुरू कर दिया गया है जिसमे अब देखना यह है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कितना समय लगाती है और दोषियों पर कार्रवाई करने में कितना समय लगेगा