रवेली पंचायत ने की शिकायत खसरा नम्बर 442अतिक्रमण की पर तहसीलदार ने खसरा नम्बर 422 की कार्यवाही, गरीब की आशियाने तोड़े बेघर हुआ पूरा परिवार ,पीड़ित ने लगाया है प्रशासन से न्याय की गुहार

  रवेली पंचायत ने  की शिकायत खसरा नम्बर 442अतिक्रमण की पर तहसीलदार ने खसरा नम्बर 422 की कार्यवाही,

गरीब की आशियाने तोड़े बेघर हुआ पूरा परिवार ,पीड़ित ने लगाया है प्रशासन से न्याय की गुहार

तहसीलदार  के द्वारा आखिर  इतनी बड़ी गलती क्यो। कहि गरीब के आशियाने तोड़ने के पीछे पैसे का खेला तो नही


गरियाबंद--समाज में आज भी रूढ़िवादी परंपरा कायम है।जिसका नतीजा उन लोगो को भोगना पड़ता है जो या तो आर्थिक रूप से कमजोर होते है या फिर समाज की गलत फैसलों के खिलाफ अपना आवाज बुलंद करते है।अगर कोई परिवार अन्याय के विपरित आवाज उठाता है तो उसे समाज और पंचायत के अनेक प्रकार के दंश झेलना पड़ता है।कानूनन तौर पर देखा जाए तो अत्याचार सहना और सहने देना दोनो अपराध है।लेकिन सामाजिक तौर पर कोई इसके खिलाफ जाए तो उस व्यक्ति को सामाजिक,आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना का जो तकलीफ सहना पड़ता है उसे वही जान सकता है जो इसका प्रकोप झेल रहा हो।


कुछ ऐसा ही मामला गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रवेली का है।जंहा पति राम घोघरे ने ग्राम प्रमुखों सहित पंचायत प्रमुखों पर जबरन मकान तोड़ने सहित सामान को फेंकने के साथ बच्चो के पुस्तकों को फाड़ने सहित मार पीट करने का गंभीर आरोप लगाया है।जिसकी शिकायत पुलिस सहित आला अधिकारियों से किया है।मकान टूटने के बाद इनके पास रहने के लिए वर्तमान में कोई भी आवास नही होने की जानकारी पति राम द्वारा दिया गया है।जिसके बाद से वे अपने पत्नी और दो बच्चो के साथ बाहर किराए के मकान में रहने को मजबूर है।वही इनके बच्चो का भी शिक्षा प्रभावित हो रहा है।पति राम घोघरे ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाया है।लेकिन अभी तक कोई उचित कार्यवाही नही होने से दर दर भटकने को मजबूर है। 


*गरीब का आशियाना तोड़ने पैसो का खेला तो नही*

ये  पूरा मामला है


फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम रवेली में पति राम घोघरे शासकीय जमीन पर कब्जा कर मकान निर्माण कर अपने पत्नी और दो बच्चो के निवास कर रहे थे।जिस पर ग्रामीण और पंचायत द्वारा आपत्ति करते हुए व अतिक्रमण हटाने तहसीलदार को आवेदन प्रस्तुत किए थे।जिसमे पंचायत द्वारा खसरा नंबर 442 में अतिक्रमण होने की शिकायत किया था और तहसील कार्यालय द्वारा खसरा नंबर 442 में ही प्रकरण दर्ज किया गया।जबकि पति राम घोघरे जिस जगह मकान बनाकर रह रहे थे वो खसरा नंबर 422 में मौजूद है।जिसको शिकायत पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण तो हटा दिया गया।लेकिन मकान टूटने से पीड़ित परिवार के पास आवास सहित रोजी रोटी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गया है।हालांकि इस कार्यवाही के विरुद्ध पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लेकर कमिश्नर को शिकायत कर निष्पक्ष जांच की मांग किए है।

पर सोचने वाली बात ये है। कि इतने बड़े जिम्मेदार पद में रहते हुए तहसीलदार से गलती क्यो हुई। या फिर गरीब की आशियाना तोड़ने के पीछे कहि पैसों का खेला तो सोचने वाली बात है। को पंचायत ने दूसरे जमीन की शिकायत पर,कार्यवाही गरीब के आशियाने में  आखिर गरीब को कब मिलेगा इंसाफ

वर्जन


पतिराम घोघरे द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा कर मकान निर्माण किया गया था।जिसे तहसीलदार को शिकायत किया गया था।जिसे प्रशासन द्वारा विधिवत हटाया गया।उसके नाम से आवास भी स्वीकृत हुआ है।जिसका नीव भी तैयार हो गया है।लेकिन उस जगह को न बनाकर अन्यत्र शासकीय जमीन पर मकान निर्माण कर रहे थे।भविष्य में निस्तारी के लिए पंचायत क्षेत्र में जमीन की कमी है।जिसके लिए शासकीय जमीनों को आरिक्षित करने की दिशा पंचायत द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

लाल जी साहू,सरपंच प्रतिनिधि,ग्राम पंचायत रवेली