*शास.स्कूल भद्रा में शिक्षकों की मनमानी चरम सीमा पर*


*विभागीय नियमों को ठेंगा दिखा मनमाने तरीके से कर रहें स्कूल संचालन*


कोसीर- सारंगढ़ जिले से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भद्रा में शिक्षकों की लापरवाही चरम सीमा पर है। वैसे तो स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है और यहीं से पढ़ लिखकर बच्चे डॉक्टर, कलेक्टर, इंजीनियर, पुलिस, विधायक, मंत्री, और विभिन्न क्षेत्रों में अपना सेवाएं देते हैं और इन सबके लिए जरूरत होती है अच्छी शिक्षा और शिक्षक की मगर जब शिक्षक ही लापरवाही और मनमानी करे तो आप समझ सकते हैं उस विद्यालय और वहाँ पड़ने वाले बच्चों के भविष्य का आखिर क्या होगा ?  ये बात हम नही कहतें बल्कि वहां के ग्रामीण,पढ़ने वाले बच्चे और पूरा वाक्या यही कहता है - दरअसल सारंगढ़ विकासखंड के शास. प्राथमिक विद्यालय व पूर्व माध्यमिक विद्यालय भद्रा में प्रधानपाठक व शिक्षक बिना किसी शासकीय आदेश के अपने मन मर्जी से 4 बजे के पहले ही स्कूल की छुट्टी कर देतें है यही 15 मार्च को हुआ और समय से पहले दोपहर 1 बजे स्कूल की छुट्टी कर दी गयी ना इसकी जानकारी शाला प्रबंधन समिती न किसी उच्च अधिकारी को दिया गया और स्कूल में ताला बंद कर शिक्षक घर प्रस्थान कर गये। जब हमने वहां पढ़ने वाले बच्चों से संपर्क कर पूछा तो वे बोले कि यहाँ के दोनों स्कूलों में पढ़ाई लिखाई ठीक से नही होता है और एक सप्ताह से ऐसा ही समय से पहले स्कूल छुट्टी कर दी जा रही है जब हमारी मीडिया के टीम ने इस संबंध में वहाँ के प्रभारी शिक्षक राजू मनहर व राजेश कुमार बंजारे से बात की तो वे गोलमटोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए और हैरानी की बात ये भी है की यहां के संकुल समन्वयक गोकुल प्रसाद कायल्कर ने इस बात से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मैं अभी सारंगढ़ में हूं शायद स्कूल में मध्यान भोजन कर्मचारी हड़ताल में होने के वजह से 1 बजे छुट्टी कर दी गयी होगी। जबकि उस दिन बाकी आसपास गांव के स्कूलों में पढ़ाई चल रही थी और स्कूले खुली हुई थी। मिडीया में खबर को लेकर वहां के जिम्मेदार शिक्षको ने अपना धौस दिखाते हुए कहा कि हमारा क्या कर लोगे ज्यादा से ज्यादा यहाँ से ट्रांसफर होगा हम भी बहुत पहुंच रखतें है,अब आप इस बात से समझ सकतें हैं की प्रधानपाठक व संकुल समन्वयक शिक्षक अपनी पावर और पहुंच से यहां कैसे अपनी मनमानी कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहें है। क्या भद्रा स्कूल के लिए स्कुल शिक्षा विभाग द्वारा अन्य स्कूलों से अलग नियम लागु होता है और यदि नही तो आखिर स्कूल में इन शिक्षकों द्वारा ऐसी मनमानी आखिर क्यों ? बच्चों के सुनहरे जीवन के साथ खिलवाड़ क्यों  ? अब देखना यह है कि समाचार प्रकाशित होने के बाद शिक्षाविभाग के अधिकारी इन जिम्मेदार शिक्षकों पर आखिर क्या कार्यवाही करतें है ।
"मैं साढे़ ग्यारह बजे स्कूल काम से सारंगढ़ निकल गया हूं, समय से पहले स्कूल बंद की जानकारी मुझे नही है, शायद मध्यान्ह भोजन कर्मचारी हड़ताल के वजह से छुट्टी की गयी होगी स्पष्ट जानकारी मुझे भी नही पता है ।

- *गोकुल प्रसाद कायल्कर(संकुल समन्वयक मल्दा)*

"ग्रामीणों की सूचना पर 3 बजकर 25 मिनट में जब भद्रा स्कूल पहुंचा तो स्कूल बंद हो चुका था। संबंधित शिक्षकों से फोन पर बात करने पर स्पष्ट जानकारी नही मिल पाया अतः मामले की जानकारी तुरंत सारंगढ़ विधायक व विभागीय उच्च अधिकारीयों को देकर उचित कार्यवाही करने मांग किया है ।

*- श्याम पटेल(विधायक प्रतिनिधी-शिक्षाविभाग सारंगढ़)*