तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आज शामिल होंगे पीएम मोदी

तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आज शामिल होंगे पीएम मोदी 
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

जोहान्सबर्ग - प्रधानमंत्री मोदी आज से दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर जोहान्सबर्ग की यात्रा पर रहेंगे। वे दक्षिण अफ्रीका में होने वाले पंद्रहवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिये 22 से 24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग में रहेंगे। इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स समूह द्वारा शुरू की गई पहलों की प्रगति की समीक्षा की जायेगी और गतिविधियों के भविष्य के क्षेत्रों की पहचान की जायेगी। पंद्रहवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका द्वारा की जा रही है , इस वर्ष का विषय 'ब्रिक्स और अफ्रीका' रखा गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में पांच सदस्यीय देशों ब्राजील , रूस , भारत , चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ 45 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों के शामिल होने की उम्मीद है। पीएम मोदी सम्मेलन में ब्राजील चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ शामिल होंगे। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वर्चुअल मीटिंग में शामिल होंगे जबकि रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी ''ब्रिक्स'' अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डाॅयलाग्स'' थीम पर एक स्पेशल प्रोग्राम में भी भाग लेंगे। यह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद आयोजित किया जा रहा है और इसमें दक्षिण अफ्रीका द्वारा आमंत्रित दर्जनों देश शामिल होंगे , जिनमें ज्यादातर अफ्रीकी महाद्वीप के हैं। तीन दिवसीय आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी डेढ़ साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति के जरिये हल करने पर जोर दे सकते हैं। सम्मेलन में आर्थिक और सुरक्षा हित के अलावा कई मुद्दों पर भारत का फोकस रहेगा। इस सम्मेलन में कई मुद्दों पर भारत का फोकस होने वाला , जिसमें आर्थिक और सुरक्षा हित ही सर्वोपरि होंगे। आर्थिक सहयोग , खाद्य सुरक्षा और ब्रिक्स विस्तार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा में भाग लेने के अलावा पीएम मोदी द्वारा शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों को एक-दूसरे के सुरक्षा हितों का सम्मान करने और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में बोलने की आवश्यकता पर भी जोर देने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय के सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री 22 अगस्त की सुबह जोहान्सबर्ग के लिये रवाना होंगे। जहां वह 22 से 24 अगस्त तक चलने वाले पंद्रहवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय 'ब्रिक्स और अफ्रीका: पारस्परिक रूप से त्वरित विकास, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद के लिये साझेदारी' है। यह कोविड-19 महामारी के कारण लगातार तीन वर्षों के बाद पहला व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा। वर्ष 2019 के बाद पीएम मोदी पहली बार व्यक्तिगत रूप से ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। भारत-चीन के सीमा पर तनावपूर्ण संबंधों के बीच दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पीएम मोदी की मुलाकात शी जिनपिंग से हो सकती है। इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी रूस - यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को भी खत्म करने पर जोर दे सकते हैं। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते के बीच मोदी इस सम्मेलन में रूस-यूक्रेन को युद्ध समाप्त कर बातचीत और कूटनीति के जरिये हर चीज हल करने पर जोर दे सकते हैं।

ब्रिक्स और इसका उद्देश्य -

ब्रिक्स पहले ब्रिक यानि ब्राजील , रूस , भारत और चीन था। इन चार देशों के नेताओं ने जुलाई 2006 में जी 8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात की , फिर सितंबर 2006 में इसे औपचारिक रूप दिया गया। इसके बाद इसमें दक्षिण अफ्रीका शामिल हुआ तो ये ब्रिक्स ग्रुप हुआ।
ब्रिक्स का पहला उद्देश्य राजनीतिक और सुरक्षा है। इसके तहत ब्रिक्स में शामिल देशों में वैश्विक , क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक राजनीतिक क्षेत्रों में संवाद बढ़ाना है। दूसरा उद्देश्य आर्थिक और वित्तिय है , इसके मुताबिक व्यापार , कृषि और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है। इसके अलावा सांस्कृतिक , शेक्षणिक , युवा और खेल क्षेत्र में ब्रिक्स में शामिल देश के लोगों के संपर्क को मजबूत करना है। 

पीएम मोदी का 25 अगस्त को यूनान दौरा - 

ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के बाद पीएम मोदी 25 अगस्त को यूनान जायेंगे। वे वहां के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस के आमंत्रण पर जा रहे हैं। चालीस साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री वहां जा रहा है। भारत और यूनान के बीच सभ्यतागत संबंध हैं , जो हाल के वर्षों में समुद्री परिवहन , रक्षा , व्यापार , निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग से मजबूत हुये हैं। पीएम मोदी दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के लिये प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस के साथ बातचीत करेंगे। इस द्विपक्षीय वार्ता के अलावा पीएम मोदी बिजनेस लीडरों और भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे।