हिन्दू राष्ट्र निर्माण हेतु प्रत्येक पूर्णिमा तिथि को होगी सामूहिक हनुमत आराधना

हिन्दू राष्ट्र निर्माण हेतु प्रत्येक पूर्णिमा तिथि को होगी सामूहिक हनुमत आराधना
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर - ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर एवं हिन्दू राष्ट्र प्रणेता अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज द्वारा सनातन संस्कृति संरक्षणार्थ संस्थापित संगठन धर्मसंघ पीठपरिषद्  , आदित्यवाहिनी - आनन्दवाहिनी छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा शीघ्र हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ प्रतिमाह सामूहिक हनुमत आराधना के तहत हनुमान चालीसा पाठ करने का निर्णय लिया गया है। संगठन के प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा ली गई निर्णय के अनुसार हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ प्रतिमाह पूर्णिमा तिथि को सायं छह बजे से सात बजे तक संगठन के बैनर के साथ मठ - मंदिर - कार्यालय में प्रत्येक जिला , जोन , नगर , ग्रामीण स्तर तक समस्त इकाईयों में एक साथ आयोजित किया जाना है। जिससे कि समाज में प्रत्येक स्तर पर हिन्दू राष्ट्र निर्माण के प्रति सक्रियता एवं जागरुकता का वातावरण निर्मित हो। प्रांतीय कार्यालय ने इस आयोजन के फोटोग्राफ श्रीसुदर्शन संस्थानम् के वाट्सएप ग्रूप में भी प्रेषित करने को कहा है ताकि समेकित रूप से इसे राष्ट्रीय कार्यालय भेजा जा सके। बताते चलें चातुर्मास्य में पूज्यपाद पुरी शंकराचार्यजी श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी ओड़िशा में निवासरत रहते हैं , जहाँ प्रातः कालीन सत्र में बृहदारण्यक उपनिषद तथा सायंकालीन सत्र में श्रीमद्भागवत एवं रात्रि में ब्रह्मसूत्र भाष्य पर प्रवचन श्रवण का अवसर मिलता है। चातुर्मास्य के पश्चात राष्ट्रव्यापी हिन्दू राष्ट्र निर्माण अभियान के प्रथम चरण में  महाराजश्री का गोवर्द्धन मठ पुरी से संबद्ध शिव गंगा आश्रम प्रयागराज में 01 अक्टूबर से 05 अक्टूबर तक प्रवास रहेगा , जहाँ पर प्रातःकालीन सत्र में संगोष्ठी के अंतर्गत राष्ट्र रक्षा , विज्ञान , गणित आदि विषयों एवं हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संबंध में मार्गदर्शन प्राप्त होगा तथा सायं पांच बजे से पुनः आध्यात्मिक संदेश, दर्शन सुलभ होगा। गौरतलब है कि आज से दो वर्ष पूर्व चातुर्मास्य के अवसर पर श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी से पूज्य शंकराचार्यजी ने आगामी साढ़े तीन वर्षों ( 42 माह ) में भारत को हिन्दू राष्ट्र के रूप में उद्भाषित होने की घोषणा की थी। उपरोक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु लगभग आधा समय बीत चुका है अतः बचे हुये समय में समस्त सनातनी धर्मावलंबियों से अपेक्षा है कि अपने अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहकर पुरी शंकराचार्यजी के मार्गदर्शन में कार्य करते हुये अपने कार्यक्षेत्र को सुसंस्कृत , सुरक्षित , सम्पन्न , सर्वहितप्रद , सेवा परायण व्यक्ति एवं समाज के समूह के रूप में परिवर्तित करें यही सशक्त हिन्दू राष्ट्र निर्माण की आधारशिला होगी। उपरोक्त अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में जनजागरण हेतु प्रत्येक पूर्णिमा को आयोजित सामूहिक हनुमत आराधना में संगठन के सभी सदस्य सभी भक्तवृन्दों को शामिल कर धर्मसंघ पीठपरिषद् आदित्य वाहिनी आनन्द वाहिनी के इस अभियान को सफल बनावें।