फर्जी बहरा बनकर नौकरी सहायक संचालक बर्खास्त, 4 REO के मेडिकल प्रमाण पत्र के फर्जी होने का शक, जांच का आदेश..

फर्जी बहरा बनकर नौकरी सहायक संचालक बर्खास्त, 4 REO के मेडिकल प्रमाण पत्र के फर्जी होने का शक, जांच का आदेश..


युवा पत्रकार महेंद्र भारती



गरियाबंद खबर एक्सप्रेस / रायपुर :- महासमुंद जिले में पदस्थ सहायक संचालक कृषि ऋचा दुबे का श्रवण बाधित का दिव्यांगता प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर शासन ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने 56 लोगों की सूची शासन को भेजकर इनके दिव्यांगता प्रमाणपत्र के फर्जी होने का दावा किया है। जांच शुरू होने पर यह पहली कार्रवाई है। राज्य शासन ने 2016 और 2018 में दिव्यांगों की विशेष भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। सबसे पहले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के 50 पदों पर भर्ती हुई। इसी तरह कृषि शिक्षक के पद पर तीन नियुक्तियां हुईं। इसी दौरान ऋचा दुबे की महासमुंद में सहायक संचालक कृषि के पद पर पोस्टिंग हुई थी। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने इन सभी के श्रवण बाधित दिव्यांगता प्रमाणपत्र को फर्जी होने का आरोप लगाया है। शासन ने ऋचा दुबे के मामले में राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच कराई, तो आरोप सही निकला। आंबेडकर अस्पताल की ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा, सहायक प्रध्यापक दुर्गेश गजेंद्र और आडियोलाजिस्ट सचिदानंद सिन्हा की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि ऋचा दुबे के दाहिने कान की श्रवण शक्ति सामान्य है, वहीं बाएं कान की श्रवण शक्ति में माडरेटली सर्जरी का सुझाव दिया गया। चूंकि दाहिने कान की श्रवण शक्ति सामान्य है, लिहाजा भारत के राजपत्र के अनुसार दिव्यांगता की श्रेणी में वह नहीं आतीं। इसके आधार पर कार्रवाई की गई। इधर छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राधाकृष्ण गोपाल ने कहा, ज्यादातर दिव्यांगता प्रमाणपत्र बिलासपुर और मुंगेली के दो डाक्टरों के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं, इनमें से एक बिलासपुर में महत्वपूर्ण पद पर हैं।


56 लोगों की सूची छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने शासन को दी, जांच शुरू.. 2016 और 2018 में दिव्यांगों  की विशेष भर्ती के लिए जारी किया गया था विज्ञापन..

कृषि विभाग में पदस्थ चार आरएईओ (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी) और कलेक्टोरेट में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 के दिव्यांगता प्रमाण पत्र के फर्जी होने की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर सभी पांचों कर्मचारियों के मेडिकल प्रमाण पत्र को राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच कराने का आदेश जारी किया है।


जिले में भी फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने की शिकायत कलेक्टर से हुई थी। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश सचिव बोहितराम चंद्राकर ने जांच की मांग की है। उन्होंने कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। इस पर कलेक्टर ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर चार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी आशुतोष पात्रे, सर्वेश कुमार ब्राम्हण, जितेंद्र कुमार साहू, प्रमोद सिंह राजपूत व सहायक ग्रेड 3 अनिरुद्ध सिंह राजपूत के मेडिकल प्रमाण पत्र की जांच राज्य मेडिकल बोर्ड से कराने का आदेश दिया है। खबर है कि जल्द ही सीएमएचओ डा राजेश शुक्ला की ओर से इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को देकर जांच के लिए समय की मांग की जाएगी। गौरतलब है कि राज्य शासन की ओर से 2016 और 2018 में दिव्यांगों की विशेष भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। सबसे पहले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए भर्ती हुई। आरोप है कि इसमें 50 ऐसे लोगों की नियुक्ति हुई है जिन्होंने श्रवण बाधित होने का फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र पेश किया है। इसी तरह तीन कृषि शिक्षक के पद पद काम कर रहे हैं।